Saturday 8 March 2014

ये दिल ही तो है

बेफिक्र बेपरवाह 
हँसता गुदगुदाता
मेरा मसख़रा 
ये दिल ही तो है   

सपनों से उलझता 
हुनर को ढूँढता 
उन्मुक्त आवारा 
ये दिल ही तो है 

पथराई आँखों में 
उमीदों के सागर में 
डूबता तैरता 
ये दिल ही तो है

खुद टूट कर भी
जिन्दगी से जुड़ता
एक सिर्फ बहादुर 
ये दिल ही तो है 

क्यूँ  ख्याल करूँ मैं 
नादानों  कि भीड़ में 
समझदार बेचारा 
ये दिल ही तो है 

                                  -- प्रियाशी